क्या खता थी हमारी गरीबी पर किसी की तंज यूं कसते न | English Quotes Vid

"क्या खता थी हमारी गरीबी पर किसी की तंज यूं कसते नहीँ साहब बड़े अनमोल है ये लोग ये सस्ते नही साहब बदन ढककर चली है बेटियाँ हरदम गरीबों की खुली घूमे अमीरी क्यों उसे ढकते नहीँ साहब फ़टे है वस्त्र ये फैशन नही हालात है उसके किसी के गर्द हो हालात तो बकते नही साहब अगर खुद में कमी हो जुल्म नारी पर नही करते नपुंशक कोख पर फिर दोष यूँ मढ़ते नही साहब बहन होगी तुम्हारी तो यकीनन मान भी होगी गलत फिर दूसरों पर यूँ नज़र रखते नही साहब ©arvindyadav_1717"

क्या खता थी हमारी गरीबी पर किसी की तंज यूं कसते नहीँ साहब बड़े अनमोल है ये लोग ये सस्ते नही साहब बदन ढककर चली है बेटियाँ हरदम गरीबों की खुली घूमे अमीरी क्यों उसे ढकते नहीँ साहब फ़टे है वस्त्र ये फैशन नही हालात है उसके किसी के गर्द हो हालात तो बकते नही साहब अगर खुद में कमी हो जुल्म नारी पर नही करते नपुंशक कोख पर फिर दोष यूँ मढ़ते नही साहब बहन होगी तुम्हारी तो यकीनन मान भी होगी गलत फिर दूसरों पर यूँ नज़र रखते नही साहब ©arvindyadav_1717

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