खुद की फिक्र नहीं करती पर मेरी फिक्र जरूर करती हैं,
मैं एक रोटी मांगता हूं वो दो रोटी रखती हैं,
मेरे उदासी को वो तुरंत पकड़ लेती है,
मेरी मुस्कुराहट को वो बहुत अच्छे से समझती है,
उसका घर में होना जैसे जन्नत हो घर,
उसकी दुआ के आगे तो भगवान भी झुक जाता है,
तभी तो भगवान से पहले जुबां पर मां का नाम आता,
बिखरे हुए घर को सवार देती है,
मां ही तो है साहब जो सब ध्यान देती हैं।
©Jai Singh Hindi Dictionary
#MothersDay मां