समझाया मौसम ने बादलो को।
टूटने से पहले तू बहुत शोर मचाता है।।
आंधी तूफ़ान भी नाम हो शायद तेरा ,
एक इंसान भी कुछ ऐसे छटपटाता है।।
कुछ देर टूट कर जो तू रो पड़ता है।।
मिट्टी की खुशबू लेकर फिर भी महकाता है।।
ये प्रकृति भी जीवंतता को नहीं छोड़ पाती।
सारा जग फिर भी इसे तड़पाता है।।
©ravi parihar
#rain