White चल आज इस सफ़र को अकेले तय करते हैं न जाने | हिंदी शायरी

"White चल आज इस सफ़र को अकेले तय करते हैं न जाने कियू अब सफ़र का साथी बोझ लगने लगा हैं जब तक सफ़र अकेला था तो सफाई किसी को न देनी पड़ी जैसे ही कोई हमसफ़र आया तो सफर के लिए भी इजाजत लेनी पड़ी। ©Advocate Anjali Shrivastav"

 White चल आज इस सफ़र को अकेले तय 
करते हैं 
न जाने कियू अब सफ़र का 
साथी बोझ लगने लगा हैं 
जब तक सफ़र अकेला था तो सफाई किसी 
को न देनी पड़ी जैसे ही कोई हमसफ़र आया तो सफर के लिए भी इजाजत लेनी पड़ी।

©Advocate Anjali Shrivastav

White चल आज इस सफ़र को अकेले तय करते हैं न जाने कियू अब सफ़र का साथी बोझ लगने लगा हैं जब तक सफ़र अकेला था तो सफाई किसी को न देनी पड़ी जैसे ही कोई हमसफ़र आया तो सफर के लिए भी इजाजत लेनी पड़ी। ©Advocate Anjali Shrivastav

#Thinking 'दर्द भरी शायरी'

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