जात कहाँ मजहब कहाँ जब उलझे उसकी जुल्फों मे तो | हिंदी Poetry Video

" जात कहाँ मजहब कहाँ जब उलझे उसकी जुल्फों मे तो दिन कहा और रात कहाँ बस उससे ही मोहब्बत करते हैं और किसी मे वो बात कहाँ चाहत मे इमितहान कहाँ ©Madaruddin khan(maddy) "

जात कहाँ मजहब कहाँ जब उलझे उसकी जुल्फों मे तो दिन कहा और रात कहाँ बस उससे ही मोहब्बत करते हैं और किसी मे वो बात कहाँ चाहत मे इमितहान कहाँ ©Madaruddin khan(maddy)

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