मुड़ के देखा उसने तो तबियत मचल गयी।
नज़रों की छुरी उसकी मेरे दिल पे चल गयी।
अब ख्याल उसका मुझको है बहुत सताये।
जागू में रात रात भर रातों को नींद न आये।।
छम छम करती वो मेरी गली से निकल गयी
मुड़ के देखा उसने तो तबियत मचल गयी।
नज़रों की छुरी उसकी मेरे दिल पे चल गयी।
©Gauhar Ayub Etawi
मुड़ के देखा उसने-