Vishnu Bhagwan रादेश्यं
रा.... रा.. राधे.. राधे.. राधे,
बोल प्यारे।
नन्द केशव , नन्द दुलारे ।।
तन - मन में तुम्हें बसाया है, हमने
ए जीवन तुमपे लुटाया है, हमने।
प्रेम - प्रीत सब कुछ तेरे,
रा.... रा... राधे.. राधे.. राधे,
बोल प्यारे।
नन्द केशव, नन्द दुलारे।।
वृंदावन की वो मनचले शाम,
मैं राधा, तू मनमोहित श्याम।
हम दोनों कि प्रेम प्रसंग अमर,
ये देख, मग्न है, धरती संग अम्बर।।
मेरे रग.... रग का तू सवेरे,
ये जीवन हम तुमपे हारे....!
रा... रा.. राधे.. राधे.. राधे,
बोल प्यारे।
नन्द केशव, नन्द दुलारे।।
©कवि विजय सर जी
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