जब शब्द बहुत ज़्यादा थक जाते हैं, ज़ुबां के बेज़ुब | हिंदी कविता Video

"जब शब्द बहुत ज़्यादा थक जाते हैं, ज़ुबां के बेज़ुबां होने में देर नहीं लगती.... मौन बेहतर लगता है, कुछ बताने, कुछ समझाने की इच्छा ही नही करती.... भावनाओं का भवंडर भी हो चाहे दिल के भीतर, एक आह भी नहीं निकलती.... खुद को ही समझाने फुसलाने में, मज़बूत बनाने में, हर शाम है गुज़रती.... ©Ruchika "

जब शब्द बहुत ज़्यादा थक जाते हैं, ज़ुबां के बेज़ुबां होने में देर नहीं लगती.... मौन बेहतर लगता है, कुछ बताने, कुछ समझाने की इच्छा ही नही करती.... भावनाओं का भवंडर भी हो चाहे दिल के भीतर, एक आह भी नहीं निकलती.... खुद को ही समझाने फुसलाने में, मज़बूत बनाने में, हर शाम है गुज़रती.... ©Ruchika

#bezubaan

People who shared love close

More like this

Trending Topic