सोये है अकेले तनहा उनकी याद मे आज … कभी वो तरसते | हिंदी विचार

"सोये है अकेले तनहा उनकी याद मे आज … कभी वो तरसते थे कांधे पे रखने को सर उनका…. नसीब का खेल है … कंधा आज सुना है हमारा… और वो किसी और की बाहो मे ….. ©Kiran Pawara"

 सोये है अकेले तनहा 
उनकी याद मे आज …

कभी वो तरसते थे 
कांधे पे रखने को सर उनका….

नसीब का खेल है …

कंधा आज सुना है हमारा…
और वो किसी और की बाहो मे …..

©Kiran Pawara

सोये है अकेले तनहा उनकी याद मे आज … कभी वो तरसते थे कांधे पे रखने को सर उनका…. नसीब का खेल है … कंधा आज सुना है हमारा… और वो किसी और की बाहो मे ….. ©Kiran Pawara

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