बदनसीबी क्या किया, सब ख़्वाब धुंधले हो गए, टुकड़े- | हिंदी शायरी
"बदनसीबी क्या किया, सब ख़्वाब धुंधले हो गए,
टुकड़े-टुकड़े जोड़ने वालों के टुकड़े हो गए।
Badnaseebi kya kiya, sab khwab dhundhle ho gaye,
Tukde-tukde jodne walo'n ke tukde ho gaye!
#Aurangabad #TrainAccident
~Munawwar Rana"
बदनसीबी क्या किया, सब ख़्वाब धुंधले हो गए,
टुकड़े-टुकड़े जोड़ने वालों के टुकड़े हो गए।
Badnaseebi kya kiya, sab khwab dhundhle ho gaye,
Tukde-tukde jodne walo'n ke tukde ho gaye!
#Aurangabad #TrainAccident
~Munawwar Rana