हां, मुझे कुछ कहना था !
पर क्या ?
मुझे मालूम नहीं।
ना पता मुझे इतना सहना था।
बस रोको इसे अभी यहीं,
मुझे ये पीड़ मंज़ूर नहीं।
था शांत नदी सा मन मेरा,
पत्थर मुझसे क्यों टकराई?
हृदय में हैं शोर उठा,
तलाश करू मैं अब किसका?
जग रूठा सो बात अलग
पर रूठी है खुद मेरी परछाई।।
©Anushka Anand
#talaash