कुछ शिकायते हैं... कुछ mohabbat भी हैं... कुछ ख्वा | हिंदी Poetry

"कुछ शिकायते हैं... कुछ mohabbat भी हैं... कुछ ख्वाहिशें हैं... और उन ख्वाहिशों मे तेरी कमी भी है... कुछ लफ्ज़ है रुके... कुछ होंठ भी हैं सिले... अधूरी जो ये बाते है... उन्हें पूरा तुम करो न... बैठो कुछ पल साथ,और... और इन लबों को अपने लबों से पढ़ो न।।☺️❤️ ©meri dairy se"

 कुछ शिकायते हैं...
कुछ mohabbat भी हैं...
कुछ ख्वाहिशें हैं...
और उन ख्वाहिशों मे तेरी कमी भी है...
कुछ लफ्ज़ है रुके...
कुछ होंठ भी हैं सिले...
अधूरी जो ये बाते है...
उन्हें पूरा तुम करो न...
बैठो कुछ पल साथ,और...
और इन लबों को अपने लबों से पढ़ो न।।☺️❤️

©meri dairy se

कुछ शिकायते हैं... कुछ mohabbat भी हैं... कुछ ख्वाहिशें हैं... और उन ख्वाहिशों मे तेरी कमी भी है... कुछ लफ्ज़ है रुके... कुछ होंठ भी हैं सिले... अधूरी जो ये बाते है... उन्हें पूरा तुम करो न... बैठो कुछ पल साथ,और... और इन लबों को अपने लबों से पढ़ो न।।☺️❤️ ©meri dairy se

#Pyar

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