White कबीरा खड़ा बाजार में सबकी मांगे खैर ना काहू | हिंदी कविता

"White कबीरा खड़ा बाजार में सबकी मांगे खैर ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर चलती चाकी देख के गया कबीरा रोए दो पाटों के बीच में साबुत बचा न कोए ©Love Kuamr"

 White कबीरा खड़ा बाजार में
सबकी मांगे खैर 
ना काहू से दोस्ती
ना काहू से बैर 


चलती चाकी देख के 
गया कबीरा रोए
दो पाटों के बीच में
साबुत बचा न कोए

©Love Kuamr

White कबीरा खड़ा बाजार में सबकी मांगे खैर ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर चलती चाकी देख के गया कबीरा रोए दो पाटों के बीच में साबुत बचा न कोए ©Love Kuamr

#कबीरदास #केदोहे

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