जश्न-ए-चरागां की ये तस्वीरें हैं तो जश्न ये कैसे मनाए कोई
जिन्हें नाज है इस रामराज पे उन्हें ये सूरत-ए-हाल दिखाए कोई
कहते हैं कि दुनिया जहान में चर्चा है तेइस लाख चरागों की
क्या फायदा है इस मुफलिस अवाम को जरा बतलाए कोई
किसी चूल्हे की आग से बढकर रौशनी नहीं कोई प्यारी कहीं
मगर आग ये नहीं जिनके चूल्हों में उनमें काश! जलाए कोई
मुल्क की सरमाया सिमटी चंद सरमायादारों की तिजोरियों में
बाकी नब्बे फीसद क्यों बदहाली की जद में हमें समझाए कोई
©भारद्वाज
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