११.बापदादा खुश हो रहे थे कि कई बच्चों ने पत्र और चिटकी लिखी है कि हम 108 में आयेंगे, बहुत चिटकियां आई हैं।
१२बापदादा ने सोचा जब इतने 108 में आयेंगे, तो 108 की माला पांच लड़ियों की बनानी पड़ेगी।
२३.तो 5-6-7-8 लड़ियों की माला बनायें ना? जिन्होंने संकल्प किया है, लक्ष्य रखा है बहुत अच्छा है।
२४.जिन्होंने संकल्प किया है, लक्ष्य रखा है बहुत अच्छा है।
२५.लेकिन सिर्फ इस संकल्प को बीच-बीच में दृढ़ करते रहना। ढीला नहीं करना। ऐसे तो नहीं कहेंगे माया आ गई - अब पता नहीं आयेंगे या नहीं! पता नहीं, पता नहीं... नहीं करना।
©Shishir Rane
#शिव_निराकार_के_मधुर_महा-
वाख्य#