जिनको अपनी मंजिल का पता नही वो सिर्फ अनजान सफर के | हिंदी Poetry Video

"जिनको अपनी मंजिल का पता नही वो सिर्फ अनजान सफर के राही होते हैं उसके दिल से निकलती चीखों ने बताया कुछ लड़कियों के लिए बाप कसाई होते हैं वो बेटियां कैसे जी पाती होंगी जिनके बाप के लिए बेटी पज़ीराई होते हैं ©shayar dilkash ~ "

जिनको अपनी मंजिल का पता नही वो सिर्फ अनजान सफर के राही होते हैं उसके दिल से निकलती चीखों ने बताया कुछ लड़कियों के लिए बाप कसाई होते हैं वो बेटियां कैसे जी पाती होंगी जिनके बाप के लिए बेटी पज़ीराई होते हैं ©shayar dilkash ~

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