White फ़िर तेरी निगाहें बनी हैं मेरे दिल की क़ातिल,
हाँ,क़ैद जुल्फों में रहने लगे फ़िर से,
पल भर की भी दूरी में जलता है दिल,
हाँ,तेरी बाहों में पिघलने लगे फ़िर से।
मुद्दतों के मौन पे जैसे इक विराम सा है,
हाँ, पंछीयों की तरह चहकने लगे फ़िर से।
साफ़ सा हो रहा है अब इश्क़ का आईना,
हाँ,आज बेतहाशा संवरने लगे फ़िर से।
पास तू हो की जैसे इत्र की इक लहर,
हाँ, तेरी खुशबू में बहकने लगे फ़िर से।
धूप में भी जैसे छाँव सा अब लगे,
हाँ,बे-मौसम बरसने लगे फ़िर से।
बेकरारी में भी राहत सी होने लगी,
हाँ,हर हद से गुजरने लगे फ़िर से।
©Kumar Saurabh
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