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"गर हम रोशनी के तलबगार होते, तो कहते कि हमको इनायत चाहिए। खुदा ने भेज दिया उसको मेरे पास, मैंने कहा था कि मुझे जन्नत चाहिए।। ©आशुतोष आर्य "हिन्दुस्तानी" "
गर हम रोशनी के तलबगार होते, तो कहते कि हमको इनायत चाहिए। खुदा ने भेज दिया उसको मेरे पास, मैंने कहा था कि मुझे जन्नत चाहिए।। ©आशुतोष आर्य "हिन्दुस्तानी"
आरजू-ए-जन्नत🥺 #Hum #आशुतोष_आर्य #आशुतोष_आर्य_हिन्दुस्तानी #आशुतोष_हिन्दुस्तानी #इश्क #खुदा_की_रहमत #इश्क_और_तुम #प्रेम_गीत #प्रेम_ही_ईश्वर_है
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