रच कर इतिहास तुमने युवाओं के दिल में जोश जगाया है।
भूले थे जिन खेलों को उनकी अहमियत को याद दिलाया है।
जीतकर स्वर्ण तुमने स्वर्ण अक्षरों में अपना नाम लिखवाया है।
संयोग से करके ये कमाल रविंद्रनाथ टैगोर की पुण्यतिथि पर
उनकी कविता 'जन गण मन' को पूरे विश्व को सुनाया है।
उस पल पहरा कर तिरंगा पूरे विश्व में अपने साथ साथ उनकी
कविता और उनकी पुण्यतिथि को भी तुमने अमर बनाया है।
बंध हुं मैं शब्दों की सीमा में, कैसे बयां करूं इस गौरव को
बस इतना ही कहना, तुमने इस देश का नाम पर उठाया है।
©kartavay
#neerajchopra