इबादत करी हर घडी मेने उसकी सलामती कि कोई जुर्म त | हिंदी शायरी

"इबादत करी हर घडी मेने उसकी सलामती कि कोई जुर्म तो नहीं है फिर कयो मेरी हर दुआ को उसने इल्जाम बताया ©Badnam Shayar"

 इबादत करी हर घडी 
मेने उसकी सलामती कि
 कोई जुर्म तो नहीं है
फिर कयो मेरी हर दुआ को
 उसने इल्जाम बताया

©Badnam Shayar

इबादत करी हर घडी मेने उसकी सलामती कि कोई जुर्म तो नहीं है फिर कयो मेरी हर दुआ को उसने इल्जाम बताया ©Badnam Shayar

#AloneInCity शायरी

People who shared love close

More like this

Trending Topic