मुझ से शाहों के क़सीदे नही लिखे जाते , मैं मज़दूर | हिंदी Shayari

"मुझ से शाहों के क़सीदे नही लिखे जाते , मैं मज़दूर हूँ मैं मिट्टी पे ग़ज़ल लिखता हूं.. ©MaxVaghela"

 मुझ से शाहों के क़सीदे नही लिखे जाते ,

मैं मज़दूर हूँ मैं मिट्टी पे ग़ज़ल लिखता हूं..

©MaxVaghela

मुझ से शाहों के क़सीदे नही लिखे जाते , मैं मज़दूर हूँ मैं मिट्टी पे ग़ज़ल लिखता हूं.. ©MaxVaghela

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