White "शिवगुरू की जय" (::::::शिव महिमा भजन::: | हिंदी Poetry

"White "शिवगुरू की जय" (::::::शिव महिमा भजन:::::) सत्य ही शिव हैं, शिव ही सुंदर करो धारण मन शिव का ही जंतर धन्य होगा जीवन जपलो मंतर ॐ नमः शिवाय। बोलो शिवगुरू की जय,बोलो बम भोले की जय ।। बाबा बैजुनाथ की जय, बाबा विश्वनाथ की जय।। शिव ही सर्वव्यापी हैं, वो अमर अविनाशी हैं। शिव शिखर कैलाश के वासी, शिव सदा सन्यासी हैं।। वहीं भक्षक वही रक्षक हैं निराकार निर्भय। बोलो नीलकंठ की जय, शंभू शंकर की जय।। बोलो सोमनाथ की जय, बाबा माहेश्वर की जय।। शिव ही आदि अनन्त हैं, जैसे दुर्बोत्ध ज्ञान ग्रंथ है। क्षिति जल पावक गगन समीरा, सर्वत्र उनके अंश है।। हैं श्रृष्टि के बड़ा बिलयन, उनमें सम्पूर्ण ब्रह्मांड विलय। बोलो रामेश्वरम की जय, बाबा भूतनाथ की जय।। भीमाशंकर की जय, मल्लिका अर्जून की जय।। शिवदानी कल्याणी है, जटा में मां गंगा मंदाकिनी हैं। चंद्र ललाट सब नतमस्तक, शिव ही सबकर स्वामी हैं।। लिखें महिमा प्रकाश भजन विद्यार्थी गुण गाए। बोलो हटकेशवर की जय,महा मृत्युंजय कालेश्वर की जय।। श्री घृणेश्वर की जय, ॐ कारेश्वर की जय।। श्री त्रययंबकेश्वर की जय, आदिदेव महादेव की जय। आशुतोष महाकाल की जय, पार्वतीवलभ जी की जय।। स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी ©Prakash Vidyarthi"

 White "शिवगुरू की जय"
     (::::::शिव महिमा भजन:::::)

सत्य ही शिव हैं, शिव ही सुंदर 
करो धारण मन शिव का ही जंतर 
धन्य होगा जीवन जपलो मंतर ॐ नमः शिवाय।
बोलो शिवगुरू की जय,बोलो बम भोले की जय ।।
बाबा बैजुनाथ की जय, बाबा विश्वनाथ की जय।।

शिव ही सर्वव्यापी हैं, वो अमर अविनाशी हैं।
शिव शिखर कैलाश के वासी, शिव सदा सन्यासी हैं।।
वहीं भक्षक वही रक्षक हैं निराकार निर्भय।
बोलो नीलकंठ की जय, शंभू शंकर की जय।।
बोलो सोमनाथ की जय, बाबा माहेश्वर की जय।।

शिव ही आदि अनन्त हैं, जैसे दुर्बोत्ध ज्ञान ग्रंथ है।
क्षिति जल पावक गगन समीरा, सर्वत्र उनके अंश है।।
हैं श्रृष्टि के बड़ा बिलयन, उनमें सम्पूर्ण ब्रह्मांड विलय।
बोलो रामेश्वरम की जय, बाबा भूतनाथ की जय।।
भीमाशंकर की जय, मल्लिका अर्जून की जय।।

शिवदानी कल्याणी है, जटा में मां  गंगा मंदाकिनी हैं।
चंद्र ललाट सब नतमस्तक, शिव ही सबकर स्वामी हैं।।
लिखें महिमा प्रकाश भजन विद्यार्थी गुण गाए।
बोलो हटकेशवर की जय,महा मृत्युंजय कालेश्वर की जय।।
श्री घृणेश्वर की जय, ॐ कारेश्वर की जय।।

श्री त्रययंबकेश्वर की जय, आदिदेव महादेव की जय।
आशुतोष महाकाल की जय, पार्वतीवलभ जी की जय।।

स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी

©Prakash Vidyarthi

White "शिवगुरू की जय" (::::::शिव महिमा भजन:::::) सत्य ही शिव हैं, शिव ही सुंदर करो धारण मन शिव का ही जंतर धन्य होगा जीवन जपलो मंतर ॐ नमः शिवाय। बोलो शिवगुरू की जय,बोलो बम भोले की जय ।। बाबा बैजुनाथ की जय, बाबा विश्वनाथ की जय।। शिव ही सर्वव्यापी हैं, वो अमर अविनाशी हैं। शिव शिखर कैलाश के वासी, शिव सदा सन्यासी हैं।। वहीं भक्षक वही रक्षक हैं निराकार निर्भय। बोलो नीलकंठ की जय, शंभू शंकर की जय।। बोलो सोमनाथ की जय, बाबा माहेश्वर की जय।। शिव ही आदि अनन्त हैं, जैसे दुर्बोत्ध ज्ञान ग्रंथ है। क्षिति जल पावक गगन समीरा, सर्वत्र उनके अंश है।। हैं श्रृष्टि के बड़ा बिलयन, उनमें सम्पूर्ण ब्रह्मांड विलय। बोलो रामेश्वरम की जय, बाबा भूतनाथ की जय।। भीमाशंकर की जय, मल्लिका अर्जून की जय।। शिवदानी कल्याणी है, जटा में मां गंगा मंदाकिनी हैं। चंद्र ललाट सब नतमस्तक, शिव ही सबकर स्वामी हैं।। लिखें महिमा प्रकाश भजन विद्यार्थी गुण गाए। बोलो हटकेशवर की जय,महा मृत्युंजय कालेश्वर की जय।। श्री घृणेश्वर की जय, ॐ कारेश्वर की जय।। श्री त्रययंबकेश्वर की जय, आदिदेव महादेव की जय। आशुतोष महाकाल की जय, पार्वतीवलभ जी की जय।। स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी ©Prakash Vidyarthi

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