तुम से कोई वादा कोई शर्त थोड़े मांगे हैं
तुमसे बस तेरा हां मांगे हैं
कुछ कुछ सोच कर परेशान क्यों होती हो
हम है न हताश क्यो होती हैं
एक बात और
कभी तेरी भूत को वर्तमान नहीं करेंगे
बनायेगे एक छोटा घर और दो फूल लगाए
तुम दोनो फूलों संस्कार सीखा देना
हम उनको दुनिया का हकीकत बता देगे
दोनो फूल खिलेंगे साथ में तो अच्छा लगेगा
घर महकेगा सब अच्छा हो जायेगा
तेरे मम्मी _पापा को भी अपना सा मानेंगे
दामाद नहीं बेटा बन कर रह लेगे
इन सब खुशियों में बस तुम ही रुकावट हैं दीप्ति बस तेरी हां
की जरूरत हैं!!
©Devashray Kumar
#thelunarcycle