White घर वालों ने मुझको शुरू से ही सिखाया जुबान क | हिंदी कविता

"White घर वालों ने मुझको शुरू से ही सिखाया जुबान के लहेजो को महताज बनाया लाइफ में कुछ में बनू या न बनू पर मुझको अच्छा इंसान बनाया मैने किसी भी हक का हिस्सा नहीं खाया जानबूझकर किसी को भी दुख नa पहुंचआया जात पात और मजहब में फर्क नहीं किया बिना भेदभाव के सबको प्यार से बुलाया करके मदद में जताता नहीं किसी को नीचा दिखाता नहीं मुसीबत में भी कोई अगर फंसा हुआ हो उसका भी फायदा मैं उठाता नहीं मैं हूं जो सबसे पहले करता हूं सच के लिए भी मैं लड़ता हूं कोई जाते हुए एंबुलेंस को देखकर उसकी शांति का दुआ में करता हूं तमीज की बेरी कभी तोड़ ही नहीं अकेली लड़की देख कर कभी ghari नहीं मैं उनमें से एक हूं जो राह चलते लड़की कभी छड़ी नहीं कुछ लड़के हम जिनकी बात निराली लड़की लड़की भी नाइट को साथ में घूमने जाली घर वाले भी हम पर ट्रस्ट करते हैं कि सैफ है बेटी उनके साथ हमारी किसी चिढ़ते को देख में चिंढ़ता नहीं अपनो से माय कभी लड़ता नहीं हां फैमिली के लिए मैं जान भी ले लूं पर पहले में कभी करता नहीं चाहे सांप कितने भी आए हो Fake चेहरे दिखाएं हो मैंने धोखा किसी को दिया नहीं खुद कितनी भी धोखे खाए हो ©Ls Veda"

 White घर वालों ने मुझको शुरू से ही सिखाया
 जुबान के लहेजो को महताज बनाया
 लाइफ में कुछ में बनू या न बनू पर मुझको अच्छा इंसान बनाया 
मैने किसी भी हक का हिस्सा नहीं खाया
 जानबूझकर किसी को भी दुख नa  पहुंचआया
 जात पात और मजहब में फर्क नहीं किया
 बिना भेदभाव के सबको प्यार से बुलाया 
करके मदद में जताता नहीं
 किसी को नीचा दिखाता नहीं
 मुसीबत में भी कोई अगर फंसा हुआ हो 
उसका भी फायदा मैं उठाता नहीं  
मैं हूं जो सबसे पहले करता हूं 
सच के लिए भी मैं लड़ता हूं 
कोई जाते हुए एंबुलेंस को देखकर 
उसकी शांति का दुआ में करता हूं 
तमीज की बेरी कभी तोड़ ही नहीं 
अकेली लड़की देख कर कभी ghari नहीं 
मैं उनमें से एक हूं जो 
 राह चलते लड़की कभी छड़ी नहीं 
कुछ लड़के हम जिनकी बात निराली 
लड़की लड़की भी नाइट को साथ में घूमने जाली 
घर वाले भी हम पर ट्रस्ट करते हैं 
 कि  सैफ है बेटी उनके साथ हमारी 
किसी चिढ़ते  को देख में चिंढ़ता नहीं 
अपनो से माय  कभी लड़ता नहीं 
हां फैमिली के लिए मैं जान भी ले लूं 
पर पहले में कभी करता नहीं 
चाहे सांप कितने भी आए हो 
Fake चेहरे दिखाएं हो 
मैंने धोखा किसी को दिया नहीं 
 खुद कितनी भी धोखे खाए हो

©Ls Veda

White घर वालों ने मुझको शुरू से ही सिखाया जुबान के लहेजो को महताज बनाया लाइफ में कुछ में बनू या न बनू पर मुझको अच्छा इंसान बनाया मैने किसी भी हक का हिस्सा नहीं खाया जानबूझकर किसी को भी दुख नa पहुंचआया जात पात और मजहब में फर्क नहीं किया बिना भेदभाव के सबको प्यार से बुलाया करके मदद में जताता नहीं किसी को नीचा दिखाता नहीं मुसीबत में भी कोई अगर फंसा हुआ हो उसका भी फायदा मैं उठाता नहीं मैं हूं जो सबसे पहले करता हूं सच के लिए भी मैं लड़ता हूं कोई जाते हुए एंबुलेंस को देखकर उसकी शांति का दुआ में करता हूं तमीज की बेरी कभी तोड़ ही नहीं अकेली लड़की देख कर कभी ghari नहीं मैं उनमें से एक हूं जो राह चलते लड़की कभी छड़ी नहीं कुछ लड़के हम जिनकी बात निराली लड़की लड़की भी नाइट को साथ में घूमने जाली घर वाले भी हम पर ट्रस्ट करते हैं कि सैफ है बेटी उनके साथ हमारी किसी चिढ़ते को देख में चिंढ़ता नहीं अपनो से माय कभी लड़ता नहीं हां फैमिली के लिए मैं जान भी ले लूं पर पहले में कभी करता नहीं चाहे सांप कितने भी आए हो Fake चेहरे दिखाएं हो मैंने धोखा किसी को दिया नहीं खुद कितनी भी धोखे खाए हो ©Ls Veda

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