दूर कहीं ख़ामोशी से
आवाज मुझे भी आती है
दिल में छुपी बात
चुप होकर रह जाती है
क्या बोले किसी को
जब सुनने वाला कोई न हो
अपनी परछाई भी
अंधेरे में साथ छोड़ जाती है
मैंने सोचा कुछ तो बोलो शायद
सुनने वाला हो
पर इस विराने में शब्द ख़ुद में उलझ रह
जाते है
एकाकी मन इस तन्हाई में
बस अकेले रह जाते हैं
©Hem
#kinaara