परखना मत परखने में कोई अपना नहीं रहता किसी भी आइ | हिंदी Shayari

"परखना मत परखने में कोई अपना नहीं रहता किसी भी आइने में देर तक चेहरा नहीं रहता बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना जहाँ दरिया समुंदर से मिला दरिया नहीं रहता हज़ारों शेर मेरे सो गए काग़ज़ की क़ब्रों में अजब माँ हूँ कोई बच्चा मिरा ज़िंदा नहीं रहता मोहब्बत एक ख़ुशबू है हमेशा साथ चलती है कोई इंसान तन्हाई में भी तन्हा नहीं रहता ©Mujahid Khan"

 परखना मत परखने में कोई अपना नहीं रहता 

किसी भी आइने में देर तक चेहरा नहीं रहता 

बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना 

जहाँ दरिया समुंदर से मिला दरिया नहीं रहता 

हज़ारों शेर मेरे सो गए काग़ज़ की क़ब्रों में 

अजब माँ हूँ कोई बच्चा मिरा ज़िंदा नहीं रहता 

मोहब्बत एक ख़ुशबू है हमेशा साथ चलती है 

कोई इंसान तन्हाई में भी तन्हा नहीं रहता

©Mujahid Khan

परखना मत परखने में कोई अपना नहीं रहता किसी भी आइने में देर तक चेहरा नहीं रहता बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फ़ासला रखना जहाँ दरिया समुंदर से मिला दरिया नहीं रहता हज़ारों शेर मेरे सो गए काग़ज़ की क़ब्रों में अजब माँ हूँ कोई बच्चा मिरा ज़िंदा नहीं रहता मोहब्बत एक ख़ुशबू है हमेशा साथ चलती है कोई इंसान तन्हाई में भी तन्हा नहीं रहता ©Mujahid Khan

Mujahid Khan

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