White मुक्त गगन में वक्र-चंद्र क्यों मुंह चिढ़ाते | हिंदी Poetry

"White मुक्त गगन में वक्र-चंद्र क्यों मुंह चिढ़ाते हैं हटा ज़ुल्फ हम अपने चांद से उसे चिढ़ाते ©Shiv Narayan Saxena"

 White मुक्त गगन में वक्र-चंद्र क्यों मुंह चिढ़ाते हैं
हटा ज़ुल्फ हम अपने चांद से उसे चिढ़ाते

©Shiv Narayan Saxena

White मुक्त गगन में वक्र-चंद्र क्यों मुंह चिढ़ाते हैं हटा ज़ुल्फ हम अपने चांद से उसे चिढ़ाते ©Shiv Narayan Saxena

#Sad_Status उसे चिढ़ाते हैं

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