समंदर सा हूँ, झील-दरियों की बातें अच्छी नहीं लगती, | हिंदी Shayari Vid

"समंदर सा हूँ, झील-दरियों की बातें अच्छी नहीं लगती, शरीफों के मुँह से बात हिमायत की अच्छी नहीं लगती, कितनी भी मजबूत हो नौका बिना पतवार किनारे नहीं लगती , और तमाम लोग हैं मेरे पास बस तू नहीं है;कहने में ये बातें अच्छी नहीं लगती, ©SunLight "

समंदर सा हूँ, झील-दरियों की बातें अच्छी नहीं लगती, शरीफों के मुँह से बात हिमायत की अच्छी नहीं लगती, कितनी भी मजबूत हो नौका बिना पतवार किनारे नहीं लगती , और तमाम लोग हैं मेरे पास बस तू नहीं है;कहने में ये बातें अच्छी नहीं लगती, ©SunLight

अच्छी नहीं लगती!

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