समंदर सा हूँ, झील-दरियों की बातें अच्छी नहीं लगती,
शरीफों के मुँह से बात हिमायत की अच्छी नहीं लगती,
कितनी भी मजबूत हो नौका बिना पतवार किनारे नहीं लगती ,
और
तमाम लोग हैं मेरे पास बस तू नहीं है;कहने में ये बातें अच्छी नहीं लगती,
©SunLight
अच्छी नहीं लगती!
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