उन सभी माताओं को समर्पित है।माँ तो माँ होती है।हर माँ अपने बच्चों की जाँ होती है। एक माँ ने एक माँ के दर्द को महसूस किया ।उसने भी हमारे लिये सब सहा।मगर कभी मुँह से उफ़ तक नही की।
ऐसी होती है माँ खुद कितनी भी तकलीफ़ सहे मगर औलाद पर आँच भी नही आने देती ।औलाद की खातिर सबसे लड़ जाती है माँ ।जरा सा कुछ हो जाये तो माँ की जान निकल जाती है।