"हिंदी आप है शुभ्र एवं लचीली चांदी
जो प्रत्येक रूप रंग में ढल जाती है
हिंदी आप है चमचमाती सुवर्ण कांति
जो हर रंग के काग़ज़ पर चमकती है
हिंदी आप है हर दिवस की नव क्रांति
जो विश्व में अपना अलख जगाती है
हिंदी आप है दीप की अखंड ज्योति
जो हर अंधेरे में उजाला ले आती है
हिंदी आप है मां की ममता की भांति
जो हर एक भारतीय को दुलारती है
©अदनासा-
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