तेरी यादों की महफ़िल में
अफसाना लिख रहा हूँ
मैं तेरी यादों का गुजरा वो
जमाना लिख रहा हूँ,
तेरे लब की सुर्खियों का
खजाना लिख रहा हूँ
मैं तुझे प्यार करने का एक
बहाना लिख रहा हूँ
तेरेआँखों की खूबसूरत एक
एक नजम् लिख रहा हूँ
तू शबाब हुसन का है, मैं
लफ़्ज ए किताब लिख रहा हूँ
तेरे सर पर आशिकी का एक
सवाल लिख रहा हूँ, मैं तेरी
मोहब्बत का एक खूबसूरत
जबाब भी लिख रहा हूँ
तू मिले जो फिर कभी मुझे
मैं रब से वो फरियाद लिख रहा हूँ
मैं तेरी यादों में, यादों की एक किताब
लिख रहा हूँ.✍️
©पथिक..
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