"यदि सत्ता पक्ष अहंकार में मस्त होकर, सारे विपक्ष को कुचलने पर उतारू हो, तो विपक्ष अपनी महत्वकांक्षा त्याग दें एवं प्रजा की आकांक्षाओं पर ध्यान दें, क्योंकि कमज़ोर विपक्ष स्वयं के साथ लोकतंत्र की जड़ें भी कमज़ोर करता है साथ ही नेता को चाहे जितना महान बना देना, परंतु भगवान बनाने की चूक ना करना।
©अदनासा-
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