पर साथ नहीं है वो, होती तो...
उसके कदमों में जहां की सारी दौलत
सारी खवाइशें रख देता
कहती वो तो खुदको मिटा देता
पर पसन्द आई उसे गैरों की चौखट
जाके गिरी गैरो के बाहों में
और मिट गई बन ख्वाइश किसी गैर की ,
करता भी क्या मैं
जाने दिया उसे गैरों की राहों/बाहों में
बनने दिया उसे गैरों की ख्वाइश
क्या करू वादा जो किया था
खुद को मिटा के उसकी ख्वाइश पूरी करने की....
जानना नहीं चाहोगे
उस लड़के का क्या हुआ... होगा क्या
मिट गया अधूरा ख्वाब हो गया....
उसके जिन्दगी से प्रेम का एक अध्याय खतम हो गया....
©Vivek
#कहने को #बहुत कुछ है #पर पास वो नही है