अब कोई मुझे पसंद नहीं करता
जो करते थे मेरी तारीफ
अब वही शख़्स मुझे बड़ी आसानी से इग्नोर करते हैं
मैं पूछती हूं उनसे तो
मेरी खामियां उन्हें नजर नहीं आती
और मेरी गलतियां गिनवाने बैठते हैं
इतना तो मैं खुद के अंदर नहीं झांकी जितना वह मेरे अंदर झांक चुके है
अच्छा है मेरे लिए यह भी
मेरी हर गलती को ढूंढ कर बताते हैं
और मैं ऐसे ही लोगों से तो सीखती हैं
जो मुझे बात-बात में ताने दे जाते हैं
मैं अगर भटक जाती हूं अपने मकसद से
तो यही लोग तो मुझे याद दिलाते हैं मुझे रुकना नहीं मुझे आगे बढ़ना है
यही तो मुझे सिखाते हैं
Anshu karnwal
©Ans Ans
jindagi ka kadva sach