तू चल...
अगर रुके कदम..
तो थम जरा, संभल जरा।।
डगर-डगर, नगर- नगर,
जो साथ तुझे ना मिला..
तू सांस भर, अंगार भर,
कदम उठा, तू चल मगर।।
न रुक कही ,ना झुक कही
ना भावनओं में बह अभी..
समाज ये है देखता,
तू बेड़ियों में या है रिहा।।
धड़कनों की सुन पुकार,
किसका है तुझे इंतेज़ार..
ज्वाला है तू जो भगाये अन्धकार..
नमन तुझे ये बार-बार।।
तू चल मगर।।।
#Nojotovoice