White उम्र बढ़ी....
दिल खामोश हो गया,
ख़ुद को साबित करने का ज़ज्बा,
तजुर्बे की.. लौ में जल गया,
किसी से कुछ कहना भी बोझ लगता है,
जो, जैसा, जितना से परे सा हो गया,
तुम जीते हम ही हारे......
सोच-समझ की जंग में मुब्तला हो गया,
जुबां चुप-अल्फाज लापता हैं,
फ़लसफ़ा जिंदगी का खुदगर्जो में रो गया!
©Dr. Nishi Ras (Nawabi kudi)
Upcoming Book
#sad_shayari