रहनुमा की जमीं पर उल्फ़त की किताब रखते हैं, मायूसी | हिंदी शायरी Video
"रहनुमा की जमीं पर उल्फ़त की किताब रखते हैं,
मायूसी के आलम में कलंदर का खिताब रखते हैं।
अरे!समंदर की गहराई को क्या मापोगे तुम...!
हम तो वफ़ा की दौलत बेहिसाब रखते है।"
रहनुमा की जमीं पर उल्फ़त की किताब रखते हैं,
मायूसी के आलम में कलंदर का खिताब रखते हैं।
अरे!समंदर की गहराई को क्या मापोगे तुम...!
हम तो वफ़ा की दौलत बेहिसाब रखते है।