बोल जाते हैं साफ नीयत वाले, मैंने मूर्खों को भी खामोश मगर देखा है, शातिर मुस्करा कर चल देते हर चाल अपनी, मैंने खुद को तन्हा मगर देखा है!! की वो लोग जंचते नहीं कभी मुझको, जो मीठा बस मुँह पर कहा करते है, पहचान अपनी सच के जैसी हैं बस, मैंने खुद को तन्हा मगर देखा हैं!!
©Sarika Vahalia
#seagull