दर्द सबको है इस दुनिया में, ये मैंने तुझसे मिलकर जाना।
किसी को पैसे का, किसी को बेवफाई का, तो किसी को प्यार का है बहाना।
मैं तो अाई थी तेरे पास,
अपना दर्द बांटने,
तुझमें उलझकर, अपने आप को सुलझाने,
पर तुझमें खोकर मैंने ये जाना
दर्द का और तेरा तो है रिश्ता पुराना।
भूल गई मैं दर्द मेरा,
सोचा तुझे आज़ाद करूं
मैं तो हार गई इस दर्द से,
कम से कम तुझे तो आबाद करूं।
शराब तेरी मेहबूबा और
मैखाना तेरा आशियाना है
मेरे बारे में तो सोच ज़रा
तेरे सिवा मेरा और क्यों ठिकाना है।
थाम ले ज़रा हाथ मेरा,
चलते है कहीं दूर हम
बदल दे ना खुद को
ना कर मुझपे ऐसे सितम।
#दर्द
#उलझनें