में खड़ा रहा हर किसी के लिए मर्द की तरह
अपनी दोस्ती और प्यार निभाया मेने फर्ज की तरह
बदला दिल लोगो ने घर की तरह
सब बिकते है बाजारों में सब ने निभाया रिश्ता कर्ज़ की तरह
सब पैरो के नीचे कुचल गए मुझे
अरमान बिछा रहा फिर भी फर्श की तरह
याद रखो दूर रह कर ठोकरे ही खाओगे
अब आप वापिस इस दिल में नही आओगे
ए खुदा कर कामयाब मुझे
क्यों हर काम अधूरा हो रहा है
एक शायरी का शोक है मुझे
शुक्र है तुम्हारी वजह से वो तो पूरा हो रहा है
और ना समझो ने खोदी कब्र बिना जाने हाल मुर्दे का
अरमान ज़िंदा है अभी मरा नहीं वो सो रहा है
😊👈🏻🅰️रमान
As you know शायर हूं साहब बुरा क्या ही मान्ना 😶🌫️
©यंग शायर
#moonnight