आज़ादी आज़ादी मिल तो गई,
पर हमें बितानी नहीं आई।
जो सपने शहीदों ने देखे थे,
वैसे समाज में रूहानी नहीं आई ।
न प्यार है आपस में, न वो जज्बा मर मिटने का ,
तभी तो ,
क्या है राष्ट्र और राष्ट्रगान क्या है ?
मान सम्मान करना है इनका हमें,
एक दूसरे पर मर मिटने का एहसास क्या है?
ये बातें किसी को समझानी नहीं आई।
#आज़ादी ✍️✍️✍️ @Ak Saharan @Anusaya Alewar @Deepti Sengar Pratibha Tiwari(smile)🙂 कवि अंकित