"26 jan republic day भारतीय राजनीति में रोज़ एक तमाशा होता है
जो आजकल जनता को रोज़ मजा भी दे रहा है
एक खास उस्ताद व्यक्ति संविधान हो या धर्म हो
दोनों को डमरू की भांति बारंबार बजा रहा है
डमरू की उस धुन पर हताश सारे जमूरे डरकर
वानर की भांति रोज़ उछल कूद करते ही रहेंगे
आज जो चंद लोग करताल कर मगन हो रहे है
वे कल दास की भांति अवश्य कदमताल करेंगे
©अदनासा-"