मंदिर तुम्हे नही बदलता तुम ही मंदिर को बदलते हो ! | हिंदी Poetry

"मंदिर तुम्हे नही बदलता तुम ही मंदिर को बदलते हो ! पत्थरों की क्या बिसात है जो तुम्हे बदल दे , और अगर तुम भरोसा करते हो कि पत्थर तुम्हे बदल देंगे , तो तुम पत्थरों से भी गये गु जरे हो ! ©Shivani"

 मंदिर तुम्हे नही बदलता तुम ही मंदिर को बदलते हो ! पत्थरों की क्या बिसात है जो तुम्हे बदल दे , और अगर तुम भरोसा करते हो कि पत्थर तुम्हे बदल देंगे , तो तुम पत्थरों से भी गये गु
जरे हो !

©Shivani

मंदिर तुम्हे नही बदलता तुम ही मंदिर को बदलते हो ! पत्थरों की क्या बिसात है जो तुम्हे बदल दे , और अगर तुम भरोसा करते हो कि पत्थर तुम्हे बदल देंगे , तो तुम पत्थरों से भी गये गु जरे हो ! ©Shivani

#JumuatulWidaa

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