कमाल सा पहरा था मेरी छोटी जिंदगी में उस खोई हुई यादों का जिन्होंने कहानी और अपना होने का अहसास दिलाया, वह बूढ़ी आंखें बूढ़े हाथ मेरे मखमली गालों को यू निहारते थे जैसे जिंदगी का सारा प्यार मुझे पोटली बांध कर दे रही हों..
उन प्यार भरे उत्तम विचारों की याद आ आती है मुझे मेरी दादी की बेहद.. याद आती है....
©Kumar Rain
meri दादी