हौंसले बरकरार रहने दो,फासले दरमियान रहने दो,
रहने दो रास्ते खाली,शहर को सांस लेने दो,
ज़हर ख़ूब घोल रख़्खा है,बड़े नश़्तर चलाये थे,
जो दुनियां है अभी बाक़ी,उसे कुछ और चलने दो,
कभी दौलत को रोये थे,कभी शौहरत को रोये थे,
वो घर जो भूल बैठे थे,उसे कुछ और बसने दो,
बहोत से काम बाक़ी हैं, किसी की आस बाक़ी है,
तुम्हारी ज़िद भी देखेंगे,ज़रा से अश्क़ बहने दो,
बुरा यह वक़्त कैसा है,सभी मजबूर दिखते हैं,
अग़र तुम हो ज़रा काबिल,तो अपना साथ रहने दो.....
#Arz Hai