पीपल पर ओस पड़ा होगा,,
पानी भी ठोस बड़ा होगा।।
खेतो में डंडा हाथ लिए,,कोई चादर तान खड़ा होगा।।
गेहूं की सिंके मिट्टी से कुछ बाहर हैं कुछ अंदर हैं।।
सरसो के पौधे हरे भरे खेतो को सजाने वाले है,,
आलू ,मूली,शलजम,गाजर एक साथ ही आयेंगे
और मटर के फुनगी चुनकर सरहट राग सुनाएंगे।।
दूर शहर में रहने वाले ये मौसम कैसे भूलेंगे,,
जब शाम अकेले बैठेंगे यादों के झूले झूलेंगे।।
जब गांव की बातें सोचेंगे,,तब बचपन की याद आयेगी।।
ऐसे मौसम में दूर हैं जो
उनको अफसोस बड़ा होगा।।
पीपल पर ओस पड़ा होगा
पीपल पर ओस पड़ा होगा।।
,@ram ✍️✍️
©Rampal Yadav
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