मिलेंगे बहुतल कम ऐसे, जिन्हें सिद्धांत भाते हैं। | हिंदी कविता Video

"मिलेंगे बहुतल कम ऐसे, जिन्हें सिद्धांत भाते हैं। चमकते आवरण में जो, नहीं खुद को छिपाते हैं। प्रलोभन छल नहीं पाएं, फकीरी है जहाँ बसती। सिकन्दर चूमकर चौखट, यहाँ से लौट जाते। ©Manjul mahoba "

मिलेंगे बहुतल कम ऐसे, जिन्हें सिद्धांत भाते हैं। चमकते आवरण में जो, नहीं खुद को छिपाते हैं। प्रलोभन छल नहीं पाएं, फकीरी है जहाँ बसती। सिकन्दर चूमकर चौखट, यहाँ से लौट जाते। ©Manjul mahoba

जिन्हें सिद्धांत भाते हैं....

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