किताबें कुछ अनसुने किस्से हमसे कहने
लगे लग रहा है बहुत बेताब हो
हमे सुनने के लिए हमने कहा
हमे भी लग रहा है बरसो
से सोए हुए थे उन अलमारियों में
तुम्हे आज उमड़ने का मौका मिला है
क्या मैं सच कह रहा हु वो अल्फाज थोड़ा
शर्मशार हो गए और शांत हो गए ।।
आनंद सिंह
©@nanD SingH
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