नमन है ऐसी जननी माँ को जिसने ऐसा लाल जना जिसने अपन | हिंदी मोटिवेशनल

"नमन है ऐसी जननी माँ को जिसने ऐसा लाल जना जिसने अपनी कुर्बानी से भारत माँ को गुलामी की बेड़ियों से आज़ाद कराया..........जन्म दिन पे सलाम 💐💐🌹🌹🌺🌺🙏🙏 विद्यावती की कोख़ से पैदा इक लाल हुआ था जिसकी बलिदानी से भारत खुशहाल हुआ था नज़र पड़ी जब गौरों की हिंद बेहाल हुआ था दिन में तारे दिखा दिये एक दिन कमाल हुआ था II ****** सोने की चिड़िया था भारत चहूँ और उजियारा था तिनका तिनका मेहनत से मिलकर इसे संवारा था भारत माँ का पूत वो सबकी आँखों का तारा था हिंद था उसकी शान बान इंकलाब का नारा था II ****** ख़ौल उठा था खून भगत सिंह ने सरेआम ललकारा था तभी कायर सांडर्स को उसने मौत के घाट उतारा था तोड़ गुलामी की बेड़ी वो बना आज़ादी का सितारा था जलाकर "दीप"आज़ादी का ममता का कर्ज उतारा था II ******* ज्योंदें वसदे रहो ©कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप" ©Kuldeep Dahiya "मरजाणा दीप""

 नमन है ऐसी जननी माँ को जिसने ऐसा लाल जना जिसने अपनी कुर्बानी से भारत माँ को गुलामी की बेड़ियों से आज़ाद कराया..........जन्म दिन पे सलाम 💐💐🌹🌹🌺🌺🙏🙏

विद्यावती की कोख़ से पैदा इक लाल हुआ था 
जिसकी बलिदानी से भारत खुशहाल हुआ था 
नज़र पड़ी जब गौरों की हिंद बेहाल हुआ था 
दिन में तारे दिखा दिये एक दिन कमाल हुआ था II 
                       ******
     सोने की चिड़िया था भारत चहूँ और उजियारा था 
     तिनका तिनका मेहनत से मिलकर इसे संवारा था 
     भारत माँ का पूत वो सबकी आँखों का तारा था 
     हिंद था उसकी शान बान इंकलाब का नारा था II 
                               ******
ख़ौल उठा था खून भगत सिंह ने सरेआम ललकारा था
तभी कायर सांडर्स को उसने मौत के घाट उतारा था 
तोड़ गुलामी की बेड़ी वो बना आज़ादी का सितारा था 
जलाकर "दीप"आज़ादी का ममता का कर्ज उतारा था II 
                          *******
                      ज्योंदें वसदे रहो 
         ©कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप"

©Kuldeep Dahiya "मरजाणा दीप"

नमन है ऐसी जननी माँ को जिसने ऐसा लाल जना जिसने अपनी कुर्बानी से भारत माँ को गुलामी की बेड़ियों से आज़ाद कराया..........जन्म दिन पे सलाम 💐💐🌹🌹🌺🌺🙏🙏 विद्यावती की कोख़ से पैदा इक लाल हुआ था जिसकी बलिदानी से भारत खुशहाल हुआ था नज़र पड़ी जब गौरों की हिंद बेहाल हुआ था दिन में तारे दिखा दिये एक दिन कमाल हुआ था II ****** सोने की चिड़िया था भारत चहूँ और उजियारा था तिनका तिनका मेहनत से मिलकर इसे संवारा था भारत माँ का पूत वो सबकी आँखों का तारा था हिंद था उसकी शान बान इंकलाब का नारा था II ****** ख़ौल उठा था खून भगत सिंह ने सरेआम ललकारा था तभी कायर सांडर्स को उसने मौत के घाट उतारा था तोड़ गुलामी की बेड़ी वो बना आज़ादी का सितारा था जलाकर "दीप"आज़ादी का ममता का कर्ज उतारा था II ******* ज्योंदें वसदे रहो ©कुलदीप दहिया "मरजाणा दीप" ©Kuldeep Dahiya "मरजाणा दीप"

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