*मर रही है इंसानियत*
अगर तुम्हारे घर के सामने
मरी पड़ी हो इंसानों कि लाशें
और चीखें निकल रही हो
हर समय हर वक्त
तब तुम क्या करोगे..?
अगर तुम्हारे घर पे दागे जा रहे हो
अनगिनत विस्फोटक मिसाइलें
और तबाह कर दिये जाए
तुम्हारे सपनों का घर
तब तुम क्या करोगे..?
अगर तुम्हारे लोग तितर - बितर
हो जाए अपने ही लोगों से
दिखाईं न दे एक पिता अपने बच्चे को,
खो जाए तुम्हारा अनमोल रत्न,
मरी पड़ी हो तुम्हारी बेटी और पत्नी,
दब गए हो कहीं तुम्हारे बहन और भाई
तब तुम क्या करोगे..?
अगर तुम्हें हर समय डर सताये
किसी को खोने का ,खुद के मर जाने का,
रहने और सोने का , भुख और प्यास का
और तुम्हारे लिए रोक दिया जाए
आशाओं कि हर एक रास्ते को
तब तुम क्या करोगे...?
अगर तुम सच में एक इंसान हो तो
सोचोंगे उस मरी हुई लाशों के बारे में
जो तुम्हारे घर के सामने पड़ी हुई है....!
अगर तुममें बची हुई है इंसानियत तो !
पूछोंगे हर एक देश के प्रधानों से !
हर एक मरी हुई लाशों के विषय में कि !
क्यों मारा गया है उनको !
और उनकी गलती क्या थी..?
अगर तुम एक समझदार ,सचेत व्यक्ति हो तो
तुम लड़ोगे उन सब के खिलाफ जिन्होंने मारी है इंसानियत को
,जिसने रूला दिये हो मानवता को
,जिसने हत्या की हो किड़े - मकौड़े कि तरह इंसानों की ....!
अगर तुम नहीं सोच पाए,नहीं देख पाए
इन सब को तो तुम एक मृत व्यक्ति हो !
जिसमें कुछ नहीं बचा है
यहां तक कि इंसानी चरित्र भी..!
*डेविड*
#filistin #everyone #EveryoneFollow
#humanity #मानवता
©@Devidkurre
#Preying *मर रही है इंसानियत*
अगर तुम्हारे घर के सामने
मरी पड़ी हो इंसानों कि लाशें
और चीखें निकल रही हो
हर समय हर वक्त
तब तुम क्या करोगे..?